दक्षिण पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से पिछड़ गया है। प्रदेश में मानसून की घोषणा के लिए पांच दिन का और समय लग सकता है। वहीं अच्छी बारिश को लेकर भी अभी कोई सिस्टम नहीं बना है। मानसूनी बारिश के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। मानसून 5 दिन और पिछड़ा, गर्मी- उमस कम होगी, अच्छी बारिश के लिए इंतजार करना पड़ रहा है
जिले के सभी जलाशयों में 10 फीसदी से कम पानी, पेयजल सप्लाई पर भी संकट हो रहा है। यह समस्या जल्द खत्म होने वाली है।
17 जून से प्रदेश में प्री मानसून सिस्टम मजबूत हो सकता है
मौसम विभाग ने 17 जून तक मानसून के छत्तीसगढ़ में दाखिल होने की संभावना जताई थी। लेकिन प्रतिकूल स्थिति की वजह से ऐसा नहीं हो सका। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून की आमद के लिए अभी 5 दिन का समय और लग सकता है।
हालांकि अब अनुकूल स्थिति बन गई है। 17 जून से प्रदेश में प्री मानसून सिस्टम मजबूत हो सकता है। सोमवार से जिले सहित प्रदेश के 50 फीसदी हिस्से में अंधड़ के साथ हल्की बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ ही तापमान में भी गिरावट भी संभव है।
इससे गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिलेगी। बता दें कि मई के बाद जून में भी तापमान लगातार 40 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। इससे जिले में अभी भी गर्मी पड़ रही है। इन दिनों भीषण उमस ने भी लोगों को परेशान कर दिया है। सोमवार से इसमें कुछ कमी आने की संभावना है।
बारिश के बाद जलाशय रिचार्ज हो सकेंगे
जलाशय
जिले के जलाशयों में पानी का स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। मोंगरा बैराज में 10 फीसदी ही पानी शेष है। इसे नील स्टॉक माना जाता है। इसके अलावा पांच प्रमुख जलाशयों में भी 10 फीसदी से कम पानी है।
पेयजल
शहर के मोहारा एनीकट का जलस्तर लगातार गिर रहा है। मोंगरा से मंगाया गया रिजर्व पानी भी खत्म होने की कगार है। 15 से 17 दिन का रॉ वाटर ही मोहारा में शेष है।
जन-जीवन:
मई में भीषण गर्मी की स्थिति रही। इसके बाद जून में भी तापमान का स्तर 40 से नीचे नहीं आ रहा है। इस तरह के मौसम से लोग बीमार हो रहे है। मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
फसल:
भीषण गर्मी की वजह से सब्जी फसलों के दाम में तेजी आई है। इन दिनों सब्जी फसल 10 से 15 रुपए प्रतिकिलो तक महंगे हो गए हैं। विक्रेताओं के मुताबिक बारिश के बाद ही लोकल बाड़ी की आवक बढ़ेगी।
जानिए, अभी छत्तीसगढ़ में ऐसी है मानसून की स्थिति
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलखानगिरी, विजयनगरम और इस्लामपुर है। मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है, अगले चार-पांच दिनों में प्रदेश के अन्य हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की संभावना है। इसके पहले एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की भी संभावना है।
900 करोड़ का कर्ज बंटा
इधर मानसून में देरी का असर खरीफ सीजन की खेती में भी पड़ेगा। किसान धान की फसल लगाने पूरी तरह तैयार हैं। केवल बारिश का इंतजार है। सोसाइटियों के माध्यम से तीनों जिले में करीब 900 करोड़ का कर्ज बंट चुका है। खाद-बीज का उठाव भी किसानों ने कर लिया है। बोनी के लिए शुरुआती बारिश जरुरी है। अगर बारिश देर से हुई तो बोनी में भी देर होगी। जिले में साढ़े तीन एकड़ में धान की खेती होती है।
इस बार 106 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान
मौसम विभाग आईएमडी ने इस बार तय समय से पहले यानी 13 जून को मानसून के छत्तीसगढ़ प्रदेश पहुंचने का अनुमान लगाया था। लेकिन परिस्थितियों में बदलाव के साथ यह पिछड़ता चला गया। 17 जून तक के लिए दोबारा पूर्वानुमान जारी हुआ । अब मानसून में पांच दिन और देर की संभावना है। इधर आईएमडी ने सामान्य से 106 फीसदी बारिश का अनुमान इस बार जारी किया है। यह किसानों के लिए अच्छी खबर है।
FAQ
1. मानसून कब तक पिछड़ा है?
उत्तर: मानसून 5 दिनों के लिए और पिछड़ गया है। इसका मतलब है कि सामान्य तारीख से 5 दिन देरी से आने की संभावना है।
2. इस देरी का क्या असर होगा?
उत्तर: मानसून के देरी से आने का असर गर्मी और उमस पर पड़ेगा, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, अच्छी बारिश के लिए इंतजार करना होगा।
3. गर्मी और उमस में कितनी कमी आएगी?
उत्तर: गर्मी और उमस में मामूली कमी आने की उम्मीद है। मानसून की देरी के बावजूद, तापमान थोड़ा कम हो सकता है जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
4. क्या देरी से होने वाली बारिश अच्छी होगी?
उत्तर: हाँ, देरी से होने वाली बारिश अच्छी हो सकती है। हालांकि, इसके लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।
5. मानसून की देरी का कृषि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: मानसून की देरी से कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि किसानों को बुवाई और फसल की वृद्धि के लिए बारिश की जरूरत होती है।
6. क्या मानसून की भविष्यवाणी बदल सकती है?
उत्तर: हाँ, मौसम की स्थिति में बदलाव आ सकता है जिससे मानसून की भविष्यवाणी भी बदल सकती है। मौसम विभाग नियमित रूप से अपडेट्स जारी करता रहता है।
7. गर्मी और उमस से बचने के लिए क्या करें?
उत्तर: गर्मी और उमस से बचने के लिए अधिक पानी पिएं, हल्के कपड़े पहनें, और जितना हो सके धूप से बचें। घर के अंदर रहें और वातानुकूलित जगहों का उपयोग करें।
8. क्या मानसून की देरी सामान्य है?
उत्तर: हाँ, कुछ सालों में मानसून की देरी सामान्य हो सकती है। विभिन्न मौसम कारकों के कारण मानसून समय पर नहीं आ पाता है।
9. मानसून के आने की संभावना कब है?
उत्तर: वर्तमान में मानसून के 5 दिन बाद आने की संभावना है। हालांकि, यह भविष्यवाणी मौसम की स्थितियों पर निर्भर करती है और इसमें बदलाव हो सकता है।
10. क्या मानसून की स्थिति पर नजर रखने के लिए कोई साधन है?
उत्तर: हाँ, आप मौसम विभाग की वेबसाइट, समाचार चैनल, और मौसम ऐप्स के माध्यम से मानसून की स्थिति पर नजर रख सकते हैं।
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