आखिर देश में आईपीओ की बाढ़ क्यों आ रही है?

शेयर बाजार इन दिनों कंपनियों को जोरदार वैल्युएशन पर लिस्ट होने का मौका दे रहा है। क्योकि कंपनियों को पूंजी चाहिए और निवेशक तैयार बैठे है। आखिर देश में आईपीओ की बाढ़ क्यों आ रही है? जानने के लिए पूरा पोस्ट पढ़िये-

शेयर बाजार इन दिनों कंपनियों को जोरदार वैल्युएशन पर लिस्ट होने का बाजार ऑल टाइम हाई पर हैं और आगे भी तेज ग्रोथ की मौका दे रहा है।

कुछ मिडकैप कंपनियों की शानदार लिस्टिंग ने आईपीओ (Initial Public Offer) बाजार का सेंटीमेंट ऊपर उठा दिया है।

इस साल आए 142 आईपीओ में से फार्मा कंपनी इंडिजीन, फाइनेंस फर्म आधार हाउसिंग फाइनेंस, ट्रैवल डिस्ट्रीब्यूटर टीबीओ टेक जैसी कंपनियों के शेयर ट्रेडिंग के पहले दिन 266% तक उछले! इससे घरेलू से लेकर विदेशी कंपनियां भी आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी हैं।

ह्युंडई ने बीते हफ्ते ही सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए हैं। कंपनी आईपीओ के जरिए 17.5% हिस्सेदारी बेचना चाहती है। ये करीब 25,000 करोड़ रुपए का होगा, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू होगा।

इस साल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के आईपीओ आ सकते हैं।

शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड मे संभावना

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के हेड नवनीत मुनोत बाजार में तेजी से आ रहे आईपीओ पर कहते हैं कि बाजार में जब वैल्युएशन अच्छा हो यानी प्राइमरी मार्केट में उतरने पर शेयर की अच्छी कीमत मिलने की संभावना हो तो कंपनियां आईपीओ लाती हैं।

कंपनियों को विस्तार के लिए पूंजी की जरूरत और बाजार में नए शेयरों की डिमांड, दोनों एक ही समय देखी जा रही है, जो कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

म्यूचुअल फंड जैसे . घरेलू संस्थागत निवेशक पहले से मौके की तलाश में हैं। विदेशी निवेशकों की वापसी भी हो गई है। इससे बाजार में कैश बढ़ गया है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार कहते हैं कि बाजार फिलहाल रिकॉर्ड हाई पर है, कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा।

अच्छी कंपनियों के आईपीओ लाने के लिए बाजार में कैश है। ऐसे में कंपनियों को ऊंची कीमत पर लिस्टिंग की उम्मीद है। इससे वे बड़े पैमाने पर पूंजी जुटा पाएंगी, जिसका इस्तेमाल विस्तार योजनाओं में करेंगी।

एलआईसी जैसे संस्थागत निवेशक भी दांव लगा रहे हैं। बाजार में तेजी टिकने की उम्मीद है। इसे देखते हुए विदेशी कंपनियां भी भारतीय यूनिट को लिस्ट कराने की सोचने लगी हैं।

म्यूचुअल फंड IPO के सबसे बड़े खरीददार

म्यूचुअल फंड्स इन दिनों आईपीओ के सबसे बड़े खरीदार हैं। इनमें एसआईपी के जरिये हर महीने 16,724 करोड़ रुपए आ रहे हैं। खंबाटा सिक्युरिटीज के ग्रुप सीईओ सुनील शाह कहते हैं कि म्यूचुअल फंड बड़े आईपीओ के लिए भूख बढ़ा रहे हैं।

इनके पास कैश बढ़ता जा रहा है। इन्हें निवेश के ऐसे साधनों की जरूरत है।

प्रश्न और उत्तर:

प्रश्न 1: आईपीओ क्या है?

उत्तर: आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार सार्वजनिक हो जाती है और अपने शेयर बाजार में बेचती है। यह कंपनियों को पूंजी जुटाने का एक तरीका है।

प्रश्न 2: हाल ही में आईपीओ की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है?

उत्तर: हाल ही में आईपीओ की संख्या में वृद्धि का कारण आर्थिक सुधार, बाजार में तेजी, और निवेशकों की ओर से उच्च मांग है। इसके अलावा, कंपनियां अपने विस्तार और विकास के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने की कोशिश कर रही हैं।

प्रश्न 3: कंपनियां आईपीओ जारी करने का निर्णय क्यों लेती हैं?

उत्तर: कंपनियां आईपीओ जारी करने का निर्णय पूंजी जुटाने, कर्ज कम करने, और ब्रांड की पहचान बढ़ाने के लिए लेती हैं। यह उन्हें विस्तार योजनाओं को पूरा करने और प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद करता है।

प्रश्न 4: आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक क्यों होते हैं?

उत्तर: आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक होते हैं क्योंकि वे नए और उभरते व्यवसायों में प्रारंभिक निवेश का अवसर प्रदान करते हैं। यदि कंपनी सफल होती है, तो शुरुआती निवेशक उच्च रिटर्न कमा सकते हैं।

प्रश्न 5: आईपीओ के क्या जोखिम होते हैं?

उत्तर: आईपीओ में निवेश के जोखिम होते हैं जैसे कि कंपनी की अस्थिरता, अपर्याप्त वित्तीय इतिहास, और उच्च प्रारंभिक मूल्यांकन। निवेशकों को पूरी तरह से शोध करने और समझदारी से निवेश करने की सलाह दी जाती है।

प्रश्न 6: भारतीय बाजार में आईपीओ के लिए मौजूदा रुझान क्या हैं?

उत्तर: भारतीय बाजार में आईपीओ के लिए मौजूदा रुझान में टेक्नोलॉजी, वित्तीय सेवाएं, और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में कंपनियों की उच्च भागीदारी देखी जा रही है। डिजिटल और ई-कॉमर्स कंपनियों का विशेष जोर है।

प्रश्न 7: आईपीओ के लिए नियामक और कानूनी आवश्यकताएं क्या हैं?

उत्तर: आईपीओ के लिए कंपनियों को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की मंजूरी लेनी होती है और नियामक दिशानिर्देशों का पालन करना होता है। इसमें विस्तृत फाइनेंशियल डिस्क्लोजर, अंडरराइटिंग और कानूनी अनुपालन शामिल हैं।

प्रश्न 8: भविष्य में आईपीओ की दिशा क्या हो सकती है?

उत्तर: भविष्य में आईपीओ की दिशा तकनीकी और नवाचार-उन्मुख कंपनियों की ओर बढ़ सकती है। निवेशकों की बढ़ती रुचि और बाजार की सकारात्मक भावना के कारण, अधिक कंपनियां सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने की कोशिश कर सकती हैं।

प्रश्न 9: अभी तक कितना आईपीओ आ चुका है, और कितना आने वाला है ?

उत्तर: इस साल अब तक 142 कंपनियों के आईपीओ आए हैं। 59 आवेदन कर चुकी हैं। इनमें ह्युंडई मोटर इंडिया व ओला इलेक्ट्रिक जैसी बड़ी फर्म हैं। सेबी ने गुरुवार को ओला को मंजूरी भी दे दी।

प्रश्न 10: आईपीओ से कितना आय बढ़ी है ?

उत्तर: ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इस साल अब तक आईपीओ से आय 72% बढ़कर 28,430 करोड़ रुपए पहुंच गई। इस तरह भारत ने हांगकांग और दक्षिण कोरिया के प्राइमरी मार्केट को पीछे छोड़ दिया।

प्रश्न 11: कितने फर्म के आईपीओ कतार मे है और उसका आकार कितना है ?

उत्तर: 9 बड़ी कंपनियों के आईपीओ कतार में है। इनमें हरेक का आकार कम से कम 8,000 करोड़ रुपए. का होगा। मिडकैप सेगमेंट की भी कम से कम 10 कंपनियों के आईपीओ बाजार में दस्तक देंगे।

प्रश्न 12: कौन से कंपनी के आईपीओ आने वाली है ?

उत्तर: ह्युंडई इंडिया, ओला, विशाल मेगा मार्ट, फर्स्टक्राईडॉट कॉम, एएनआई टेक्नोलॉजीज, एलजी, नायरा एनर्जी, सैमसंग, आर्सेलर. मित्तल निप्पन व टोयोटा मोटर के आईपीओ आ सकते हैं।

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