1 सवाल यह भी MSP से किसानो की आय मे कितना बढ़ोतरी होगी

मोदी – 3 कैबिनेट का पहला अहम फैसला आगामी खरीफ की 14 फसलों की एमएसपी के रूप में आया। फैसले के बाद यह बताने की होड़ लग गई कि मोदी कैसे वादा निभाते हैं, कैसे किसानों का भाग्य इस एमएसपी से बदल जाएगा।

1 सवाल यह भी MSP से किसानो की आय मे कितना बढ़ोतरी होगी, जानने के लिए पूरा पोस्ट पढ़िये-

पर अति उत्साह में सरकार भूल गई कि जिस 2013-14 के मुकाबले आज की एमएसपी की तुलना सोशल मीडिया में की जा रही हैं, उसमें अधिकांश मुख्य फसल जैसे धान, दलहन और तिलहन पर आज दस साल बाद भी दोगुनी से कम एमएसपी है |

किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया गया था। अगर दस साल में भी कृषि उत्पाद का एमएसपी उस मकाम तक नहीं पहुंचा तो किसानों की असली हालत क्या होगी ?

इसके अलावा सीएसीपी रिपोर्ट बताती है कि पिछले एक साल में सम्मिलित लागत मूल्य सूचकांक 6.1% बढ़ा है। अगर सरकार इस वृद्धि को भी मद्देनजर रखकर मूल्य निर्धारण करती तो औसत वृद्धि 9.15% की होनी चाहिए थी ।

धान की एमएसपी मात्र 5.3% बढ़ी है। केवल नाइजर सीड और रागी दो ऐसे उत्पाद हैं जिनका एमएसपी 9.15% से ऊपर है। इसमें से नाइजर सीड (तिल की एक किस्म ) भारत में बेहद कम बोई जाती है।

यहां तक कि बाजरा पर सबसे कम मात्र 5% की वृद्धि की गयी है। क्या ऐसी वृद्धि से किसान कृषि के प्रति उत्साहित होगा?

नया MSP गारंटी और फसलों पर वृद्धि

भारत सरकार ने 2024 के लिए विभिन्न फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है। इस बार कुछ फसलों पर MSP में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और सरकार ने चार प्रमुख फसलों पर MSP की गारंटी देने का प्रस्ताव भी रखा है। आइए विस्तार से जानें:

प्रमुख फसलों पर MSP वृद्धि:

  • धान: 2203 प्रति क्विंटल
  • मक्का: 2090 प्रति क्विंटल
  • गेहूं: 2275 प्रति क्विंटल
  • ज्वार: 3225 प्रति क्विंटल
  • बाजरा: 2500 प्रति क्विंटल
  • रागी: 3846 प्रति क्विंटल

दालों पर MSP:

  • मूंग: 8558 प्रति क्विंटल
  • अरहर: 7000 प्रति क्विंटल
  • चना: 5440 प्रति क्विंटल
  • उड़द: 6950 प्रति क्विंटल
  • मसूर: 6425 प्रति क्विंटल

तिलहन पर MSP:

  • सरसों: 5650 प्रति क्विंटल
  • सोयाबीन: 4600 प्रति क्विंटल
  • सूरजमुखी: 5800 प्रति क्विंटल

कमर्शियल फसलों पर MSP:

  • जूट: 5050 प्रति क्विंटल
  • कपास: 6880 प्रति क्विंटल

MSP गारंटी योजना:

सरकार ने चार फसलों पर MSP की गारंटी देने का प्रस्ताव किया है, जिन पर अगले पांच वर्षों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। ये फसलें हैं:

  • अरहर दाल
  • उड़द दाल
  • मसूर दाल
  • मक्का

इसके तहत सरकार इन फसलों की अनलिमिटेड खरीद करेगी, जिसका मतलब है कि किसानों से इन फसलों की खरीद पर कोई सीमा नहीं होगी। इसके साथ ही, एक पोर्टल विकसित किया जाएगा जिससे खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।

MSP का उद्देश्य और लाभ:

MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना है ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके और उन्हें फसल उत्पादन में प्रोत्साहन मिल सके। MSP से किसानों को आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा मिलती है, जिससे वे अपनी अगली फसल के लिए बेहतर योजना बना सकते हैं।

यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और उनकी आय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकती है। अगर आप इस विषय में और जानकारी चाहते हैं, तो आप संबंधित सरकारी वेबसाइट या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

सामान्य प्रश्न (FQA)

1. MSP क्या है?

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह मूल्य है जो सरकार किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए गारंटी देती है। यह मूल्य कृषि उत्पादों की खरीद के लिए एक न्यूनतम सीमा निर्धारित करता है जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके।

2. MSP का उद्देश्य क्या है?

MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल के लिए एक स्थिर और लाभकारी मूल्य प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में सुधार हो सके और उन्हें फसल उत्पादन में प्रोत्साहन मिल सके।

3. MSP कैसे निर्धारित किया जाता है?

MSP विभिन्न कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जिनमें उत्पादन लागत, बाजार की स्थिति, फसल की मांग और आपूर्ति, और किसानों की सिफारिशें शामिल हैं। भारत में यह कार्य कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा किया जाता है।

4. MSP से किसानों की आय में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?

MSP से किसानों की आय में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करती है कि सरकार द्वारा निर्धारित MSP मौजूदा बाजार कीमतों से कितना अधिक है और कितनी मात्रा में फसलें MSP पर खरीदी जाती हैं। अगर MSP बाजार मूल्य से अधिक है और सरकार अधिक मात्रा में खरीद करती है, तो किसानों की आय में पर्याप्त बढ़ोतरी हो सकती है।

5. MSP से किस प्रकार की फसलों पर प्रभाव पड़ता है?

MSP मुख्यतः अनाज, दलहन, तिलहन और अन्य प्रमुख फसलों पर लागू होता है। सरकार हर साल इन फसलों के लिए MSP की घोषणा करती है।

6. क्या MSP सभी किसानों को लाभान्वित करता है?

MSP का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जो अपनी फसल सरकार या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसियों को बेचते हैं। छोटे और सीमांत किसान, जो अपनी फसल बाजार में बेचते हैं, उन्हें MSP का लाभ नहीं मिल पाता है यदि वे अपनी फसलें MSP पर नहीं बेच पाते हैं।

7. MSP लागू होने की प्रक्रिया क्या है?

MSP लागू करने की प्रक्रिया में सरकार या उसकी एजेंसियां कृषि मंडियों में जाकर किसानों से फसल खरीदती हैं। इसके लिए सरकार कृषि उपज मंडी समितियों (APMCs) के माध्यम से खरीद करती है।

8. MSP के लागू होने पर क्या चुनौतियां हैं?

MSP लागू करने में कई चुनौतियां होती हैं, जैसे:

  • पर्याप्त खरीद केंद्रों की कमी
  • समय पर भुगतान न होना
  • भंडारण की सीमाएं
  • भ्रष्टाचार और बिचौलियों की समस्या

9. MSP का दीर्घकालिक प्रभाव क्या हो सकता है?

MSP के दीर्घकालिक प्रभाव में किसानों को उनकी उपज का स्थिर और लाभकारी मूल्य मिल सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश और उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है।

10. MSP की वैकल्पिक नीतियां क्या हैं?

MSP के अलावा, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार अन्य नीतियों पर भी विचार कर सकती है, जैसे:

  • प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण
  • कृषि उपज के लिए बाजार सुधार
  • फसल बीमा योजनाएं
  • कृषि में नवाचार और तकनीकी सुधार

यदि आपके कोई अतिरिक्त प्रश्न हैं या अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है, कृपया पूरी ब्लॉग पोस्ट देखें या अधिक सहायता के लिए ब्लॉग पर टिप्पणी करें।

Also Read –

नया खेल, नया बिजनेस पिकलबॉल 2024

Leave a Comment