कंचनजंघा एक्सप्रेस रेलवे दुर्घटना, मालगाड़ी टक्कर हादसा, सिग्नल फेल, 9 की मौत, 41 घायल जिम्मेदार कौन ?

प. बंगाल में कंचनजंघा एक्सप्रेस रेलवे दुर्घटना मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी, मालगाड़ी टक्कर हादसा, 9 की मौत, 41 घायल जिम्मेदार कौन ?…

सिग्नल फेल था, रेलवे ने खुद ड्राइवर को ‘हरी झंडी’ दी, हादसे के बाद उसी पर दोष मढ़ा । जानिए पूरा मामला –

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कंचनजंघा एक्सप्रेस रेलवे दुर्घटना –

त्रिपुरा के अगरतला से बंगाल के सियालदाह आ रही 13174 कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हो गई। इसमें 9 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 41 घायल हैं।

हादसा सोमवार सुबह 8:48 बजे न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 10 किमी पहले हुआ। यहां कंचनजंघा एक्सप्रेस खड़ी थी। उसी ट्रैक पर एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे यात्री ट्रेन के 4 डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए।

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा का कहना है कि मृतकों में यात्री ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी का लोको पायलट भी हैं। उन्होंने हादसे का कारण लोको पायलट द्वारा सिग्नल की अनदेखी करना बताया।

जबकि इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन ऑर्गनाइजेशन के प्रेसीडेंट संजय पंथी का कहना है कि सिग्नल खराब था, फिर भी बिना सीआरएस जांच के पायलट को दोषी ठहराना गलत है।

रेल मंत्री बोले- दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी

दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंचे। मुआयने के बाद रेल मंत्री ने कहा कि किसी भी ट्रेन हादसे के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी जांच करते हैं।

हमने जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने पर हादसे का कारण स्पष्ट होगा । दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को 10 से 12 बजे तक रेस्क्यू का काम पूर्ण कर लिया जाएगा।

आठ ट्रेनें रद्द, 33 का रूट डायवर्ट

सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया कि रेल हादसे के बाद रेल प्रशासन द्वारा आठ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है जबकि राजधानी एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 33 ट्रेनों को डायवर्ट मार्ग से परिचालित किया गया है।

बड़ा सवालः जब तेज बारिश हो रही थी और सिग्नल खराब थे तो ड्राइवरों को सिग्नल क्रॉस करने की लिखित परमिशन क्यों दी?

रेलवे सूत्रों ने भास्कर को बताया कि बंगाल के रानीपत्रा स्टेशन और छत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम सुबह 5.50 बजे खराब हो गया था।

इसी के कारण सुबह 8:27 बजे रंगपानी स्टेशन से चली कंचनजंघा एक्सप्रेस रानीपत्रा और छत्तर हाट के बीच रुक गई। नियम है कि जब ऑटोमैटिव सिग्नल सिस्टम फेल हो जाता है तो स्टेशन मास्टर टीए-912 नामक लिखित अथॉरिटी जारी करता है।

इससे ड्राइवर सभी रेड सिग्नल पार कर सकता है। इस दौरान उसे 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलानी पड़ती है। हर खराब सिग्नल के पहले एक मिनट गाड़ी रोकनी पड़ती है। हादसे के वक्त तेज बारिश हो रही थी।

फिर भी 15 मिनट के अंतराल में रानीपत्रा स्टेशन मास्टर ने दोनों ड्राइवरों को रेड सिग्नल क्रॉस करने की अनुमति दे दी। अब इसकी जांच होना है कि क्या मालगाड़ी को तय लिमिट से तेज दौड़ाया गया ?

फिर भी बड़ा सवाल यही है कि जब बारिश हो रही थी, विजिबिलिटी कम थी, सिग्नल खराब थे तो दोनों ट्रेनों के बीच गैप मेंटेंन क्यों नहीं किया गया ?

कब मिलेगा ‘कवच‘… अब तक 1500 किमी ट्रैक पर ही लगा सुरक्षा सिस्टम

दो ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए बनी कवच प्रणाली अब तक 1500 किमी ट्रैक पर लग पाई है। जबकि 64 हजार किमी में लगना है।

कवच में कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और सेंसर होते हैं, जो ट्रेन, ट्रैक, सिग्नल, हर स्टेशन पर एक किमी की दूरी पर इंस्टॉल होते हैं। रेड सिग्नल क्रॉस होने पर ये अपने आप एक्टिव हो जाते हैं।

तीन हादसे…. तीनों में सिग्नल फेल और चूक

बालासोर •

2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकराईं। 293 लोगों की मौत हुई। जांच में पता चला कि मानवीय भूल से सिग्नल फेल हो गए थे। इससे ट्रेन को लूप लाइन का सिग्नल मिल गया, जहां पहले से मालगाड़ी खड़ी थी।

आंध्र हादसा •

बीते साल 29 अक्टूबर को हुए हादसे की जांच में पता चला था कि दुर्घटना से पहले तीन ट्रेन खराब सिग्नल को पार कर गई थी। हादसे की जिम्मेदारी दोनों ट्रेनों के मृतक चालक और सहायक चालक पर डाल दी गई।

तीसरा हादसा

अब हुआ है, जिसमें सिग्नल में खराबी की वजह थी और जिम्मेदारी मृत लोको पायलट पर डाल दी गई।

FAQ

1. क्या हुआ कंचनजंघा एक्सप्रेस रेलवे दुर्घटना में?

उत्तर: कंचनजंघा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर हुई, जिसमें सिग्नल फेल होने के कारण दुर्घटना हुई। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए।

2. यह दुर्घटना कब और कहाँ हुई?

उत्तर: दुर्घटना की तारीख और स्थान के विवरण के लिए कृपया ब्लॉग पोस्ट देखें। यह जानकारी ब्लॉग पोस्ट में दी गई होगी।

3. दुर्घटना का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर: दुर्घटना का मुख्य कारण सिग्नल फेल होना बताया जा रहा है। इस कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच टक्कर हो गई।

4. इस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए और कितने घायल हुए?

उत्तर: इस दुर्घटना में 9 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए।

5. दुर्घटना के बाद राहत कार्य कैसे किए गए?

उत्तर: दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए। आपातकालीन सेवाओं और रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया और अन्य आवश्यक कार्य किए।

6. घायलों की स्थिति क्या है?

उत्तर: घायलों की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी ब्लॉग पोस्ट में दी गई होगी। कुछ घायलों की हालत गंभीर हो सकती है जबकि अन्य को मामूली चोटें आई होंगी।

7. इस दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है?

उत्तर: दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए जांच की जा रही है। सिग्नल फेल होने के कारण दुर्घटना हुई, लेकिन इसके पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है।

8. रेलवे ने इस दुर्घटना के बाद क्या कदम उठाए हैं?

उत्तर: रेलवे ने दुर्घटना के बाद जांच शुरू की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

9. इस घटना से प्रभावित लोगों को क्या सहायता प्रदान की जा रही है?

उत्तर: प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता, मुआवजा और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। ब्लॉग पोस्ट में सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई होगी।

10. क्या इस घटना के बाद सिग्नल प्रणाली में सुधार किया जाएगा?

उत्तर: हाँ, इस घटना के बाद सिग्नल प्रणाली में सुधार की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

11. आगे की जानकारी के लिए कहाँ संपर्क करें?

उत्तर: आगे की जानकारी के लिए आप रेलवे हेल्पलाइन, संबंधित अधिकारी या ब्लॉग पोस्ट में दिए गए संपर्क विवरण का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपके कोई अतिरिक्त प्रश्न हैं या अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है, कृपया पूरी ब्लॉग पोस्ट देखें या अधिक सहायता के लिए ब्लॉग पर टिप्पणी करें।

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