लोकसभा मे 10 साल बाद मिलेगा नेता प्रतिपक्ष

18वीं लोकसभा मे 10 साल बाद मिलेगा नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) का पद जानिए क्या होता है नेता प्रतिपक्ष की भूमिका-

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नेता प्रतिपक्ष की भूमिका

सीबीआई प्रमुख, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका 18वीं लोकसभा में 10 साल के बाद नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) पद की औपचारिक बहाली होगी।

अब अधिकार के साथ विपक्ष की आवाज कई महत्वपूर्ण मंचों पर सुनी जाएगी। इस बार 99 सीटें जीतने के बाद एक निर्दलीय के साथ 100 सदस्यों वाली कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का पद आएगा।

कौन होगा नेता प्रतिपक्ष

कांग्रेस कार्य समिति ने राहुल गांधी का नाम इस पद के लिए चुनते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। यदि राहुल यह प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो नेता प्रतिपक्ष के नाते वह कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा हासिल कर लेंगे।

10 साल से नेता प्रतिपक्ष क्यों नहीं थे?

2014 और 2019 में कोई पार्टी लोकसभा की कुल संख्या के 10% के बराबर 55 सीटें नहीं जीत पाई थी, लिहाजा यह पद औपचारिक रूप से खाली रहा।

16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खरगे 44 सांसदों वाले कांग्रेस संसदीय दल के नेता लेकिन उन्हें एलओपी का दर्जा नहीं था।

17वीं लोकसभा में 52 सांसदों की अगुवाई अधीर रंजन चौधरी ने की।

एलओपी के क्या अधिकार है?

सदन के नेता (पीएम) के बराबर ही नेता प्रतिपक्ष को तरजीह मिलती है। इस नाते यदि सदन में 15-20 सदस्य अलग अलग बोल
रहे हों और नेता प्रतिपक्ष खड़े हो जाएं तो स्पीकर बाकी सबको अनसुना कर प्रतिपक्ष के नेता को हस्तक्षेप करने देंगे।

वह बिना नोटिस दिए कभी भी हस्तक्षेप कर सकते हैं। बाकी सदस्यों को यह अधिकार नहीं होता।

संसद में जब विभिन्न कक्षों का बंटवारा होगा तो लोकसभा सचिवालय नेता प्रतिपक्ष की राय लेगा। सदन के भीतर प्रतिपक्ष के अगली, दूसरी कतार में कौन नेता बैठेगा, इस बारे में भी उनसे राय ली जाएगी।

नियुक्तियों में क्या भूमिका रहेगी?

नेता प्रतिपक्ष का औपचारिक दर्जा हासिल करने के बाद कांग्रेस को कई महत्वपूर्ण समितियों में दखल मिल जाएगा।

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने कमेटी में भी उन्हें शामिल किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता पीएम करते हैं।

यदि राहुल अपनी पार्टी का प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो नेता प्रतिपक्ष के नाते वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, सीवीसी और सीबीआई के प्रमुखों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में भी शामिल हो जाएंगे।

लोक लेखा समिति में नेता प्रतिपक्ष की क्या भूमिका रहती है?

लोकसभा की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष भी आमतौर पर नेता प्रतिपक्ष को ही बनाया जाता है। इस समिति के पास पीएम तक को तलब करने का अधिकार होता है। राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न सरकारी आयोजनों में भी नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी वांछनीय होती है।

FAQ

1. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का क्या महत्व है?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष संसद में विपक्षी दल का प्रमुख होता है और सरकार की नीतियों और फैसलों पर आलोचना और निगरानी करता है। यह एक महत्वपूर्ण पद है जो लोकतंत्र में संतुलन बनाए रखता है।

2. 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष क्यों मिल रहा है?

उत्तर: पिछले 10 वर्षों में, विपक्षी दलों की सीटें न्यूनतम आवश्यक संख्या से कम थीं, जिसके कारण नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा। अब, विपक्ष ने पर्याप्त सीटें प्राप्त कर ली हैं, जिससे यह पद भरने की स्थिति में है।

3. नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए न्यूनतम आवश्यक सीटें कितनी होती हैं?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए विपक्षी दल को लोकसभा में कुल सीटों के 10% से अधिक सीटें प्राप्त करनी होती हैं।

4. कौन सा दल इस बार नेता प्रतिपक्ष का पद प्राप्त करेगा?

उत्तर: यह पद उस विपक्षी दल को मिलेगा जिसने लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीती हैं और जो आवश्यक न्यूनतम सीटों की शर्त पूरी करता है।

5. नेता प्रतिपक्ष के कर्तव्य क्या होते हैं?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष के कर्तव्यों में सरकार की नीतियों की आलोचना, विपक्ष का नेतृत्व करना, संसद में बहस में भाग लेना, और महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता की राय प्रस्तुत करना शामिल है।

6. नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति कैसे की जाती है?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उस विपक्षी दल के नेता को की जाती है जिसने न्यूनतम आवश्यक सीटें प्राप्त की हों और जो विपक्ष का सबसे बड़ा दल हो।

7. नेता प्रतिपक्ष के पद के बिना पिछले 10 सालों में क्या असर पड़ा?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष के बिना, संसद में विपक्ष की आवाज कमजोर रही है और सरकार पर पर्याप्त निगरानी और संतुलन नहीं बन पाया है।

8. क्या नेता प्रतिपक्ष को वेतन और सुविधाएं मिलती हैं?

उत्तर: हाँ, नेता प्रतिपक्ष को मंत्री स्तर का वेतन और सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें सरकारी आवास, सुरक्षा, और अन्य भत्ते शामिल हैं।

9. नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहने के कारण क्या थे?

उत्तर: विपक्षी दलों की सीटें न्यूनतम आवश्यक संख्या से कम होने के कारण नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा।

10. आने वाले समय में नेता प्रतिपक्ष के क्या संभावित नाम हो सकते हैं?

उत्तर: संभावित नामों की जानकारी के लिए कृपया ब्लॉग पोस्ट देखें, जिसमें प्रमुख विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों का विवरण दिया गया हो सकता है।

11. नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद क्या बदलाव देखे जाएंगे?

उत्तर: नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद, संसद में विपक्ष की भूमिका और मजबूत होगी, सरकार की नीतियों पर अधिक प्रभावी निगरानी होगी, और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिक संतुलित बहस होगी।

12. इस विषय पर और जानकारी के लिए कहाँ संपर्क करें?

उत्तर: इस विषय पर और जानकारी के लिए आप संसद की आधिकारिक वेबसाइट, संबंधित अधिकारी, या ब्लॉग पोस्ट में दिए गए संपर्क विवरण का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपके कोई अतिरिक्त प्रश्न हैं या अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है, कृपया पूरी ब्लॉग पोस्ट देखें या अधिक सहायता के लिए ब्लॉग पर टिप्पणी करें।

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