छत्तीसगढ़ सरकार की नई आबकारी नीति 2024

साढ़े 3 माह बाद कैबिनेट की बैठक मे साय सरकार ने भूपेश सरकार के आबकारी नीति को पलटकर छत्तीसगढ़ सरकार की नई आबकारी नीति 2024 लागू करने वाली है। सरकार अब सीधे कंपनियों से शराब खरीदेगी। नई आबकारी नीति 2024 को जानने के लिए पूरा पोस्ट पढ़िये-

छत्तीसगढ़ सरकार की नई आबकारी नीति 2024 क्या है –

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में साय सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के फैसले भी पलट दिए हैं।

राज्य सरकार अब सीधे शराब कंपनियों से ही शराब की खरीदी करेगी। खरीदी का जिम्मा छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कार्पोरेशन को दिया गया है।

अभी तक यह लाइसेंसियों के माध्यम से खरीदी जाती थी। बताया गया है कि राज्य सरकार ने विदेशी शराब की थोक बिक्री तथा भंडारण के लिए एफएल 10 एबी लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।

आबकारी नीति 2024 मे किसको मिलेगा टेण्डर

छत्तीसगढ़ की नई सरकार बनते ही 2024-25 की आबकारी नीति आई । इसमें पुरानी व्यवस्था को ही लागू रखा गया ।

एफएल-10 ए-बी के लिए टेंडर निकाले गए, इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। राज्य सरकार ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर स्पेशल कंडीशन पर ये टेंडर खोले ।

10 कारोबारियों को एफएल-10 ए अलॉट हुआ और 12 को एफएल 10-बी, यहीं से शुरू हुई शराब में राजनीति | पिछली सरकार में केवल तीन लोगों को एफएल-10 ए मिला था।

यही वजह थी कुछ शराब कारोबारियों की एकल राज हो गया था। नए एफएल-10 ए में 10 कारोबारियों के आते ही देश-विदेश की बड़ी कंपनियों का जुड़ना शुरू हो गया।

इन कंपनियों ने मार्केट कैप्चर करना भी शुरू कर दिया। वहीं, लोकल के शराब कारोबारियों का दबाव भी विभाग पर बढ़ने लगा कि पिछली सरकार में उनका कारोबार अधिक होता था।

सूत्रों की मानें तो एक मंत्री और लोकल शराब के बड़े कारोबारियों ने इस व्यवस्था को ही खत्म करवा दिया।
अप्रैल 2025 तक लागू कराना चुनौती

एफएल-10 क्या होता है

इसके तहत कोई भी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एफएल-10 ले सकती है। उसे शराब कंपनियों के साथ एमओयू करना होता और इसके बाद वह कंपनियों से शराब लेकर सरकारी दुकानों में भेजता है। शराब कंपनियों का सीधे सरकार से कोई लेना-देना नहीं होता है ।

छत्तीसगढ़ सरकार की नई आबकारी नीति 2024 की क्या चुनौतिया है

विभाग की मानें तो सरकार ने व्यवस्था तो खत्म कर दी पर इसे तत्काल लागू करने में अड़चने आएंगी। बड़ी अड़चन कोर्ट से स्टे की है।

क्योंकि सरकार ने एफएल- 10 ए-बी के कारोबारियों से एक साल का एग्रीमेंट किया है। इसके बदले में उनसे 60 लाख रुपए तक रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाई गई है।

एफएल-10 कारोबारियों का कहना है कि इस एग्रीमेंट की वजह से ही उन्हें बैंक से 50 से लेकर 100 करोड़ तक का लोन मिला है। ऐसे में सरकार अगर तत्काल यह व्यवस्था लागू करेगी तो हम कोर्ट जाएंगे। हमारा एग्रीमेंट 31 मार्च 2025 तक है।

भूपेश सरकार में एफएल-10 की व्यवस्था चलती थी इसे ही साय सरकार ने लागू रखा।

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